PMFBY: देशभर में 300 लाख हेक्टेयर हुआ खरीफ फसलों का बीमा, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बढ़ा रकबा 

PMFBY: देशभर में 300 लाख हेक्टेयर हुआ खरीफ फसलों का बीमा, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बढ़ा रकबा 

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana/ PMFBY/ PM Crop Insurance Scheme: पीएम फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन 2023 में 30.14 मिलियन हेक्टेयर फसलों का बीमा हुआ है, जो एक साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी महाराष्ट्र में देखी गई है.

देशभर में 30.14 मिलियन हेक्टेयर हुआ खरीफ फसलों का बीमादेशभर में 30.14 मिलियन हेक्टेयर हुआ खरीफ फसलों का बीमा
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Aug 31, 2023,
  • Updated Aug 31, 2023, 10:45 AM IST

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) या पीएम फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के कारण फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है, ताकि कृषि में होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके. वहीं पीएमएफबीवाई के तहत खरीफ सीजन 2023 में किसानों ने 30.14 मिलियन हेक्टेयर रकबे में फसलों का बीमा कराया है, जो एक साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी महाराष्ट्र में देखी गई है, जहां अगस्त माह में सामान्य से 39 फीसदी कम बारिश हुई है. राज्य सरकार द्वारा फसल बीमा का प्रीमियम देने का निर्णय लेने के बाद, महाराष्ट्र में बीमित फसलों का क्षेत्र लगभग दोगुना होकर 11.4 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जबकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य प्रमुख राज्यों में यह लगभग पिछले साल के स्तर पर है. 

वहीं बीमा करने वाली कंपनियां अब सितंबर की बारिश का इंतजार कर रही है, क्योंकि अगस्त में पूरे भारत में बारिश की कमी 35 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे कई हिस्सों में फसलों के खराब होने की आशंका है.

फसलों का अब नहीं हो रहा है बीमा 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, "हालांकि डेटा एकत्र करने के दौरान कुछ और चीजें जोड़ी जा सकती हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर को छोड़कर फिलहाल किसी भी राज्य में फसलों का बीमा नहीं किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में पीएमएफबीवाई के तहत फसल बीमा 31 अगस्त तक होगा."

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वहीं जिन किसानों ने बैंकों से लोन नहीं लिया है उन किसानों के द्वारा फसल बीमा कराने के मामले में एक बड़ा उछाल आया है, क्योंकि उनके द्वारा कराए फसल बीमा का क्षेत्र 71 प्रतिशत बढ़कर 14.25 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जबकि जिन किसानों ने बैंकों से लोन लिया है उनके द्वारा 15.89 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का बीमा कराया गया है, जो कि एक साल पहले की तुलना में 15 प्रतिशत कम है.

हरियाणा में फसल बीमा के रकबे में गिरावट 

हरियाणा में एक साल पहले के 8,57,866 हेक्टेयर के मुकाबले इस सीजन में 1,53,935 हेक्टेयर फसलों का बीमा कराया गया है. जबकि कर्नाटक में एक साल पहले के 1.89 मिलियन हेक्टेयर के मुकाबले 1.81 मिलियन हेक्टेयर का फसलों का बीमा किसानों के द्वारा कराया गया है, हालांकि अगस्त में वर्षा की कमी 74 प्रतिशत है.

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कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "मौजूदा परिस्थितियों और सूखे के बढ़ने की आशंका में पीएमएफबीवाई निश्चित रूप से उन किसानों के लिए मददगार होगी जिन्होंने फसलों का बीमा कराया है."

मॉनसून सीजन में सामान्य बारिश की भविष्यवाणी

आईएमडी यानी भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चालू सीज़न में अखिल भारतीय मॉनसून वर्षा 1 जून से 30 अगस्त तक लंबी अवधि के औसत का 91 प्रतिशत थी. वहीं मौसम विभाग ने पूरे जून-सितंबर सीज़न के लिए सामान्य बारिश की भविष्यवाणी की है, जो 87 सेमी के एलपीए के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच है. इसका मतलब है, सितंबर की बारिश महत्वपूर्ण होगी और सामान्य से 16-17 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए, ताकि मौसम को कम से कम 96 प्रतिशत वर्षा के साथ सामान्य होने में मदद मिल सके.

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