हिमाचल प्रदेश के मंडी से हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद चुनी गई कंगना रनौत को गुरुवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक महिला कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा. जवान कुलविंदर कौर ने कहा कि वह कंगना की साल 2020-2021 में की गई एक ट्वीट से नाराज थीं जो किसान विरोध प्रदर्शन पर आधारित थी. उनकी टिप्पणियों की वजह से ही उन्होंने कंगना को थप्पड़ मारा. कंगना के इस थप्पड़ कांड के बाद सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले पर अब किसान नेताओं के बयान भी आने लगे हैं जो कॉन्स्टेबल का समर्थन कर रहे हैं. जानिए उस समय कंगना ने आखिर ऐसा क्या कहा था, जिसकी नाराजगी इस तरह से दिखाई गई.
साल 2020-2021 में जब किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो लोगों का एक वर्ग प्रदर्शनकारियों को खालिस्तानी समर्थक बताने की कोशिश कर रहा था. किसान तब नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. उसी समय कंगना ने भी इस पर बयान दिए. कंगना ने साल 2020 में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली पंजाब की एक महिला किसान की गलत पहचान की थी और उसे बिलकिस बानो कहा था. बिलकिस बानो एक बुजुर्ग महिला थी जो पहले शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध का चेहरा बन गई थी.
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कंगना ने कहा कि '100-100 रुपये में दादी आंदोलन के लिए उपलब्ध हैं. उन्होंने यह भी कहा कि महिला को विरोध प्रदर्शन के लिए काम पर रखा जा सकता है. कंगना की इस ट्वीट पर काफी बवाल हुआ और इस वजह से सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ के साथ भी सोशल मीडिया पर कंगना की काफी झड़प भी हुई. फिर, फरवरी 2021 में इंटरनेशनल पॉप सिंगर रिहाना ने जब विरोध प्रदर्शन के समर्थन पर प्रतिक्रिया दी तो रनौत ने उस समय आंदोलनकारियों को 'आतंकवादी' कहा था. कंगना ने यह भी कहा कि वो भारत को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.
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रिहाना की एक्स पर एक पोस्ट का जवाब देते हुए रनौत ने गायिका को 'मूर्ख' कहा था. कंगना ने कहा था, 'कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है क्योंकि वे किसान नहीं हैं, वे आतंकवादी हैं जो भारत को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि चीन हमारे कमजोर टूटे हुए देश पर कब्जा कर सके. बैठ जाओ मूर्ख, हम अपने देश को तुम बेवकूफों की तरह नहीं बेच रहे हैं.' बाद में जब विवाद बढ़ा तो कंगना ने रिहाना और 100 रुपये वाली पोस्ट को डिलीट कर दिया था. दिसंबर 2021 में कृषि कानूनों को कैंसिल कर दिया गया और कुछ दिनों बाद पंजाब के कीरतपुर साहिब में प्रदर्शनकारियों ने अभिनेत्री की कार रोक दी और किसानों के खिलाफ उनके बयानों के लिए माफी मांगने की मांग की. कुछ प्रदर्शनकारियों से बात करने के बाद उन्हें जाने दिया गया.