हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 10 मार्च होगा से शुरू होगा तीन दिवसीय 'हरियाणा कृषि विकास मेला'

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 10 मार्च होगा से शुरू होगा तीन दिवसीय 'हरियाणा कृषि विकास मेला'

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 10 से 12 मार्च तक हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 का आयोजन किया जाएगा. कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि इस वर्ष मेले का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के साथ मिलकर किया जाएगा एवं इस मेले का विषय ‘प्राकृतिक खेती’ होगा.

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 10 से 12 मार्च तक हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 का आयोजन किया जाएगाहरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 10 से 12 मार्च तक हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 का आयोजन किया जाएगा
क‍िसान तक
  • Hisar,
  • Mar 03, 2023,
  • Updated Mar 03, 2023, 7:04 PM IST

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 10 से 12 मार्च तक हरियाणा कृषि विकास मेला-2023 का आयोजन किया जाएगा. कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि इस वर्ष मेले का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के साथ मिलकर किया जाएगा एवं इस मेले का विषय ‘प्राकृतिक खेती’ होगा. कुलपति ने कहा प्राकृतिक खेती आज समय की मांग है. पर्यावरण सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर कृषि पद्धति है. इससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है और किसानों की आमदनी भी बढ़ती है. उन्होंने बताया मेले में आगंतुक किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती के बारे में सभी जानकारियां दी जाएंगी.

कुलपति के अनुसार मेले में किसानों के साथ बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि मशीनें व यंत्र निर्माता कंपनियां भी भाग लेंगी. किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त मशीनों, यंत्रों एवं उनकी कार्य प्रणाली के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. इसके अतिरिक्त किसानों को इन मशीनों की कीमत तथा इनके निर्माताओं की भी जानकारी मिल सकेगी. इस मेले के दौरान मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के तहत प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा. मेले में पहुंचने वाले किसानों को लकी-ड्रॉ के तहत कृषि उपकरण वितरित किए जाएंगे. मेले के दौरान प्रतिदिन किसानों की भलाई के लिए सम-समायिक विषयों (कृषि में महिलाओं का योगदान, प्राकृतिक खेती, कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रयोग, आदि) पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे.

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विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि पूर्व की भांति इस साल भी यह मेला विश्वविद्यालय के कृषि मेला ग्राउंड, गेट न. 3 के सामने लगाया जाएगा. मेले में किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से सिफारिश की गई खरीफ फसलों के उन्नत बीज तथा बायोफर्टिलाईजर के अतिरिक्त कृषि साहित्य उपलब्ध करवाए जाएंगे. इसके लिए मेला स्थल पर विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंटर स्थापित किए जाएंगे. किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई रबी फसलें दिखाई जाएंगी तथा उनमें प्रयोग की गई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी. इस अवसर पर फसल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि किसानों की कृषि, पशुपालन तथा गृह-विज्ञान संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रश्रोत्तरी सभाएं आयोजित की जाएंगी. मेला स्थल पर मिट्टी, सिंचाई जल व रोगी पौधों की वैज्ञानिक जांच करवाने की किसानों को सुविधा दी जाएगी. इस अवसर पर उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी तथा फसल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी.

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सह-निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि मेले में लगने वाली एग्रो-इंडस्ट्रियल प्रदर्शनी के लिए स्टॉलों की बुकिंग जारी है. यह बुकिंग चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा, बागवानी विभाग, हरियाणा एवं चैम्बर ऑफ इंडियन इंडस्ट्रिज द्वारा किया जा रहा है. प्राइवेट कंपनियों को स्टॉल पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटित किए जा रहे हैं. किसानों के मनोरंजन के लिए तीनों दिन हरियाणावी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा. यहां उल्लेखनीय है कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हर साल मार्च में कृषि मेला आयोजित करता है जिसमें हरियाणा तथा पड़ोसी राज्यों से हजारों किसान भाग लेते हैं.

 

 

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