बेशक उत्पादन और इस्तेमाल असम और दर्जीलिंग की चाय का ज्यादा है. लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा टी की अपनी एक पहचान है. पहचान भी ऐसी कि देश से ज्यादा विदेशों में कांगड़ा टी (Kangra Tea) की खासी डिमांड है. कांगड़ा के कुछ ही इलाकों में होने वाली इस चाय का एक बड़ा हिस्सा एक्सपोर्ट हो जाता है. खासतौर पर यूरोपियन देशों में इसकी खासी डिमांड रहती है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयो रिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा टी पर लगातार रिसर्च चलती रहती है. इसी संस्थान ने कांगड़ा की चाय की पत्तियों से चाय के अलावा टी कोल्ड ड्रिंक्स और टी वाइन भी बनाई है.