
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के करकंभ मुख्यालय स्थित सुरचिता एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (SAPCL) ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए दुबई के लिए 20 टन केले की पहली निर्यात खेप भेजी है. FPC का निर्यात अभियान प्योर प्लानेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से संभव हुआ. कंपनी के लिए यह सिर्फ एक शिपमेंट नहीं, बल्कि किसान-आधारित मूल्य श्रृंखला की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. SAPCL के सीईओ रत्नदीप मोरे ने बताया कि शुरुआत में कंपनी ने किशमिश को अपना प्रमुख उत्पाद बनाने की रणनीति अपनाई थी.
उन्होंने बताया कि सोलापुर अंगूर उत्पादक क्षेत्रों से घिरा होने के कारण यह विकल्प उन्हें स्वाभाविक लगा था. लेकिन, बाजार सर्वे के दौरान पता चला कि किशमिश की मांग उम्मीद से काफी कम है. वहीं, ताजा अंगूर के कारोबार ने भी कंपनी को नुकसान की तरफ ही धकेला है. मोरे बताते हैं कि इसी असफलता ने टीम को अपनी वास्तविक ताकत की नई तलाश की दिशा में मोड़ दिया. यही वह समय था जब बढ़ती हुई केले की खेती ने कंपनी को एक नया रास्ता दिखाया.
मोरे ने कहा कि किसानों ने बड़े पैमाने पर केले को मुख्य फसल के रूप में अपनाना शुरू किया और देखते ही देखते कंपनी से 350 सक्रिय शेयरधारक जुड़ गए. रोजाना 8 से 10 टन तक होने वाली तुड़ाई ने SAPCL को एक समुचित पैक-हाउस स्थापित करने का आधार भी प्रदान किया. कंपनी ने आगे बढ़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार की SMART परियोजना के अंतर्गत एक प्रोसेसिंग यूनिट के लिए आवेदन किया, जिसमें केले के पाउडर और वैक्यूम-फ्राइड बनाना चिप्स जैसे वैल्यू-एडेड उत्पाद शामिल हैं.
लेकिन, प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ने के बावजूद, कंपनी के सामने भरोसेमंद खरीदारों का अभाव था. इसी चुनौती में पैलाडियम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा. मोरे बताते हैं कि पैलाडियम ने न केवल उन्हें उपयुक्त खरीदारों से जोड़ा, बल्कि निर्यात मानकों और नेटवर्क को समझने में भी मदद की. दुबई भेजी गई यह पहली खेप उसी सहयोग का प्रत्यक्ष परिणाम है.
उत्साहित SAPCL अब फार्म-गेट पर व्यर्थ जाने वाले निम्न-ग्रेड केले को पका केला पाउडर, कच्चा केला पाउडर और वैक्यूम-फ्राइड चिप्स में बदलकर मूल्य संवर्धन और नुकसान में कमी लाने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी फिलहाल 5,000 से 6,000 किसानों से जुड़ी है और आने वाले कुछ वर्षों में इस संख्या को 30,000 से 40,000 तक ले जाने का लक्ष्य रखती है. मोरे का कहना है कि SAPCL का सपना सोलापुर में एक किसान-केंद्रित, पूरी तरह एकीकृत केले की मूल्य श्रृंखला खड़ी करना है.