Rajasthan Farmer News: 5800 महिलाओं ने दिखाया जलवा, खेती से कमा रहीं लाखों रुपये

Rajasthan Farmer News: 5800 महिलाओं ने दिखाया जलवा, खेती से कमा रहीं लाखों रुपये

राजस्थान के टोंक ज़िले की 5,800 महिला किसानों ने लुई ड्रेफस प्रोजेक्ट से खेती में नई तकनीक अपनाकर पांच साल में आमदनी तीन गुना बढ़ाई. लुई ड्रेफस फाउंडेशन और CmF के “सस्टेनेबल इनकम एन्हांसमेंट प्रोग्राम” से टोंक की महिलाएँ बनीं आत्मनिर्भर, फसल उत्पादन और पोषण दोनों में सुधार.

राजस्थान की महिला किसानों का कमाल (सांकेतिक फोटो)राजस्थान की महिला किसानों का कमाल (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Nov 12, 2025,
  • Updated Nov 12, 2025, 10:53 AM IST

राजस्थान के टोंक जिले की 69 गांवों में  करीब 5,800 महिला किसान अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. यह संभव हुआ है लुई ड्रेफस फाउंडेशन (Louis Dreyfus Foundation - LDF) और Centre for microFinance (CmF) के सहयोग से चल रहे "सस्टेनेबल इनकम एन्हांसमेंट एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी प्रोग्राम" के जरिए. इस परियोजना ने गांव की महिलाओं को खेती में नई तकनीक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों से जोड़कर उनकी आमदनी को पाँच साल में तीन गुना तक बढ़ाने में मदद की है.

क्या है “सस्टेनेबल इनकम एन्हांसमेंट एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी प्रोग्राम”?

यह एक खास कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण परियोजना है, जिसे Louis Dreyfus Foundation (LDF) और Centre for microFinance (CmF) के सहयोग से चलाया जा रहा है.

इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य है-

  • ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की आमदनी बढ़ाना,
  • टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना,
  • और पोषण व स्वास्थ्य सुधारना

टिकाऊ खेती और बेहतर फसल उत्पादन

इस कार्यक्रम के तहत महिला किसानों को टिकाऊ और वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सिखाया गया. अब वे सरसों और चने जैसी फसलों की पैदावार में बड़ी बढ़ोतरी कर रही हैं.

  • सरसों की पैदावार में 80% वृद्धि
  • चना उत्पादन में 140% तक इज़ाफ़ा

महिलाओं ने अब बेहतर बीज, जैविक खाद और जल-संरक्षण तकनीकों को अपनाया है, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ा है बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधरी है.

पोषण और स्वास्थ्य में सुधार

इस परियोजना का एक और बड़ा लाभ यह हुआ कि गांवों में पोषण और भोजन की गुणवत्ता में सुधार आया है. महिला किसान अब अपनी रसोई बगीचों में सब्ज़ियाँ उगाकर परिवार को ताज़ा और पोषक आहार उपलब्ध करा रही हैं. इससे घरों में स्वास्थ्य और पोषण दोनों में सुधार देखने को मिला है.

महिलाओं में बढ़ा आत्मविश्वास

लुई ड्रेफस कंपनी इंडिया के सीईओ सुमीत मित्तल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से न केवल उत्पादन और आमदनी बढ़ी है, बल्कि गांव की महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता भी बढ़ी है. अब महिलाएँ अपने खेतों के साथ-साथ अपने गाँव के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.

लुई ड्रेफस फाउंडेशन का वैश्विक मिशन

लुई ड्रेफस फाउंडेशन (जो डच मल्टीनेशनल ट्रेडिंग कंपनी का हिस्सा है) का उद्देश्य दुनिया भर के किसानों की आमदनी और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. हाल ही में फाउंडेशन की मानद अध्यक्ष मार्गरीटा लुई-ड्रेफस ने टोंक के जुंडवा (उनीआरा ब्लॉक) और सिदरा (निवाई ब्लॉक) गांवों का दौरा किया. उन्होंने महिला किसानों और स्थानीय नेताओं से मिलकर प्रोजेक्ट के सकारात्मक प्रभाव को सराहा.

टोंक ज़िले की यह पहल साबित करती है कि अगर सही प्रशिक्षण, सहयोग और तकनीक मिले, तो महिला किसान भी खेती में सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं. लुई ड्रेफस फाउंडेशन जैसी संस्थाएँ भारतीय ग्रामीण विकास में एक मजबूत साझेदार बन रही हैं, जो महिलाओं को सशक्त बनाकर देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही हैं.

ये भी पढ़ें: 

UP News: यूपी में खाद के संकट पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दिया बड़ा बयान, जानें क्या बोले
इधर MSP पर खरीद शुरू होने का ऐलान, उधर भारत के कपास किसानों के लिए आई बुरी खबर 

MORE NEWS

Read more!