
राजस्थान के टोंक जिले की 69 गांवों में करीब 5,800 महिला किसान अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. यह संभव हुआ है लुई ड्रेफस फाउंडेशन (Louis Dreyfus Foundation - LDF) और Centre for microFinance (CmF) के सहयोग से चल रहे "सस्टेनेबल इनकम एन्हांसमेंट एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी प्रोग्राम" के जरिए. इस परियोजना ने गांव की महिलाओं को खेती में नई तकनीक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों से जोड़कर उनकी आमदनी को पाँच साल में तीन गुना तक बढ़ाने में मदद की है.
यह एक खास कृषि विकास और महिला सशक्तिकरण परियोजना है, जिसे Louis Dreyfus Foundation (LDF) और Centre for microFinance (CmF) के सहयोग से चलाया जा रहा है.
इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य है-
इस कार्यक्रम के तहत महिला किसानों को टिकाऊ और वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सिखाया गया. अब वे सरसों और चने जैसी फसलों की पैदावार में बड़ी बढ़ोतरी कर रही हैं.
महिलाओं ने अब बेहतर बीज, जैविक खाद और जल-संरक्षण तकनीकों को अपनाया है, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ा है बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधरी है.
इस परियोजना का एक और बड़ा लाभ यह हुआ कि गांवों में पोषण और भोजन की गुणवत्ता में सुधार आया है. महिला किसान अब अपनी रसोई बगीचों में सब्ज़ियाँ उगाकर परिवार को ताज़ा और पोषक आहार उपलब्ध करा रही हैं. इससे घरों में स्वास्थ्य और पोषण दोनों में सुधार देखने को मिला है.
लुई ड्रेफस कंपनी इंडिया के सीईओ सुमीत मित्तल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से न केवल उत्पादन और आमदनी बढ़ी है, बल्कि गांव की महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता भी बढ़ी है. अब महिलाएँ अपने खेतों के साथ-साथ अपने गाँव के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.
लुई ड्रेफस फाउंडेशन (जो डच मल्टीनेशनल ट्रेडिंग कंपनी का हिस्सा है) का उद्देश्य दुनिया भर के किसानों की आमदनी और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. हाल ही में फाउंडेशन की मानद अध्यक्ष मार्गरीटा लुई-ड्रेफस ने टोंक के जुंडवा (उनीआरा ब्लॉक) और सिदरा (निवाई ब्लॉक) गांवों का दौरा किया. उन्होंने महिला किसानों और स्थानीय नेताओं से मिलकर प्रोजेक्ट के सकारात्मक प्रभाव को सराहा.
टोंक ज़िले की यह पहल साबित करती है कि अगर सही प्रशिक्षण, सहयोग और तकनीक मिले, तो महिला किसान भी खेती में सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं. लुई ड्रेफस फाउंडेशन जैसी संस्थाएँ भारतीय ग्रामीण विकास में एक मजबूत साझेदार बन रही हैं, जो महिलाओं को सशक्त बनाकर देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही हैं.
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