
लखनऊ में शनिवार को गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में टिश्यू कल्चर तकनीक के माध्यम से उच्च गुणवत्ता के बीज गन्ने के उत्पादन को लेकर एक अहम वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, टिश्यू कल्चर लैब स्थापित करने वाली चीनी मिलें, उप गन्ना आयुक्त और जिला गन्ना अधिकारी शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह पहल गन्ना किसानों को शुद्ध, रोग रहित और उच्च उत्पादकता वाला बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तेज की जा रही है.
आयुक्त गन्ना एवं चीनी उत्तर प्रदेश ने बताया कि प्रदेश में शुद्ध और उच्च गुणवत्ता के बीज गन्ने का उत्पादन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी उद्देश्य से अधिकांश चीनी मिल समूहों को टिश्यू कल्चर लैब स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है. सभी परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में टिश्यू कल्चर लैब स्थापना की संभावनाओं की सूची तैयार करें, ताकि आगामी समीक्षा बैठक में इस दिशा में ठोस निर्णय लिया जा सके.
प्रदेश में वर्तमान में गन्ना शोध परिषद और विभिन्न चीनी मिलों में कुल 13 टिश्यू कल्चर लैब स्थापित हैं. इन लैब के माध्यम से पेराई सत्र 2025-26 में कुल 15.90 लाख शुद्ध, स्वस्थ और रोग रोधी बीज गन्ने के पौधे तैयार किए जाएंगे. इन पौधों की निगरानी लैब स्तर से लेकर नर्सरी और खेतों तक हर चरण में वैज्ञानिक परीक्षण और गुणवत्ता जांच के साथ की जाएगी.
टिश्यू कल्चर तकनीक से तैयार किए गए पौधे True to Type होते हैं, जिससे बीज की शुद्धता और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित होती है. इससे किसानों को कम समय में उन्नत किस्म का बीज मिलेगा और लंबे समय तक उच्च उत्पादकता बनाए रखने में मदद मिलेगी. विभाग का मानना है कि टिश्यू कल्चर से बने बीज गन्ने के उपयोग से किसान कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन हासिल कर सकेंगे.
गन्ना विभाग ने प्रदेश की सक्षम चीनी मिलों को अपने स्तर पर टिश्यू कल्चर लैब स्थापित करने का निर्देश भी दिया है, ताकि बीज उत्पादन की क्षमता और अधिक बढ़ाई जा सके. इस पहल से गन्ना किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ प्रदेश में चीनी उत्पादन को भी मजबूती मिलने की उम्मीद है.