
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खेतों में खड़ी धान की फसल पानी और तेज हवा से गिरकर बर्बाद हो रही है. वहीं, ओसा मंडी में किसानों का खुले मे रखा धान भीग गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. धान के भीगने से उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. किसान अब प्रशासन से नुकसान का सर्वे कर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
जिले में दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने अब किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. कई किसानों की धान अभी खेतों में ही लगी हुई है और जल्द काटी जानी है तो वहीं कई किसानों ने धान फसल काटकर खेत में रखी हुई है, लेकिन अचनाक बारिश और हवा चलने से धान की फसल गिरकर बर्बाद हो गई है, इसके अलावा किसान आलू और सरसों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
वहीं, एक नवंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू होनी थी, इसके लिए किसान पहले ही ओसा मंडी में धान लेकर पहुंचे थे, लेकिन अचानक हुई बारिश से मंडी में रखा धान की उपज भीग गई. अब इससे धान का वजन बढ़ने और गुणवत्ता घटने की वजह से किसानों को तौल में दिक्कतें आने की आशंका है.
बारिश से खेतों में पानी भर गया है और किसानों की लागत वसूल होने पर संकट खड़ा हो गया है. किसान प्रशासन से मदद और मुआवज़े की उम्मीद कर रहे हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि अगर जिले के अधिकारी पहले से ओसा मंडी में व्यवस्था करते तो किसानों का रखा धान भीगने से बच सकता था, लेकिन अधिकारियों के लापरवाही से अब किसान को चिंतित है.
किसान शिवलाल ने बताया कि हम लोग चार दिन से यहां धान बेचने के लिए आए हुए हैं, लेकिन अचानक बारिश हो गई जिससे हमारा धान भीग गया है. अब धान काला भी हो रहा है और इसमें अंकुरण भी आ रहा है. ऐसा होने से हमारा नुकसान होगा. व्यापारी नमी की बात कहकर अपने हिसाब से परसेंटेज काटेंगे, जिससे पैसा कम मिलेगा. (अखिलेश कुमार की रिपोर्ट)