बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. बासमती चावल का निर्यात 17 फीसदी बढ़कर 4.99 लाख टन से अधिक हो गया. बासमती चावल के अलावा कुछ दूसरे एग्री प्रोडक्ट और सब्जियों ने भी इस दौरान बढ़ोत्तरी दर्ज की. एपीडा के अनुसार प्रॉसेस्ड फलों और जूस का निर्यात बढ़ा, जबकि गेहूं, ताजे फल-सब्जियां, दालें, भैंस का मांस और पोल्ट्री प्रोडक्ट के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई.
चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल के निर्यात की अच्छी शुरुआत हुई है और अप्रैल में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष में देखी गई मजबूत बढ़ोत्तरी को बरकरार रखा है. मूल्य के मामले में बासमती का निर्यात अप्रैल के दौरान 534 मिलियन डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 470 मिलियन डॉलर से अधिक था, क्योंकि सऊदी अरब और इराक जैसे अन्य प्रमुख खरीदारों की मांग बढ़ गई थी.
एपीडा के आंकड़ों के अनुसार मात्रा के मामले में बासमती चावल का निर्यात 17 प्रतिशत बढ़कर 4.99 लाख टन से अधिक हो गया, जो एक साल पहले 4.25 लाख टन था. सऊदी अरब 177.24 मिलियन डॉलर मूल्य की 1.45 लाख टन से अधिक की खरीद के साथ अप्रैल 2024 में भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार था. इसके बाद इराक 1.37 लाख टन, जिसका मूल्य 141.60 मिलियन डॉलर था. संयुक्त अरब अमीरात ने 130.43 मिलियन डॉलर मूल्य पर 0.99 लाख टन चावल खरीदा. जबकि, अमेरिका ने 124 मिलियन डॉलर मूल्य पर 0.58 लाख टन चावल खरीदा.
2023-24 के दौरान भारत के बासमती शिपमेंट में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, जो रिकॉर्ड 5.24 मिलियन टन तक पहुंच गई. मूल्य के मामले में बासमती शिपमेंट ने 2023-24 के दौरान 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और 5.83 अरब डॉलर को पार कर गया. बासमती चावल के अलावा कुछ दूसरे एग्री प्रोडक्ट और सब्जियों ने भी इस दौरान बढ़ोत्तरी दर्ज की.
एपीडा के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल तक ग्रॉस एग्री प्रोडक्ट एक्सपोर्ट में अप्रैल के दौरान 6.39 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह एक साल पहले के 2.245 अरब डॉलर के मुकाबले घटकर 2.101 अरब डॉलर हो गया. ग्वार गम का निर्यात 43 प्रतिशत बढ़कर 50 मिलियन डॉलर रहा, जबकि प्रॉसेस्ड फलों और जूस का निर्यात 12 प्रतिशत बढ़कर 73 मिलियन डॉलर रहा.
निर्यात पर प्रतिबंध के कारण गैर बासमती चावल का निर्यात 21 प्रतिशत घटकर 418 मिलियन डॉलर रह गया. इसी तरह निर्यात पर अंकुश के कारण गेहूं के शिपमेंट में 75 प्रतिशत की गिरावट आई. कुल मिलाकर अनाज का शिपमेंट एक साल पहले के 1.064 अरब डॉलर के मुकाबले 8.44 प्रतिशत कम होकर 974 मिलियन डॉलर रहा. जिन कृषि उत्पादों के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई उनमें फूलों की खेती के प्रोडक्ट, ताजे फल, ताजी सब्जियां, दालें और भैंस का मांस और पोल्ट्री प्रोडक्ट शामिल हैं.