Calfe Care: बछड़ों को सर्दियों में बीमारी से बचाना है तो इन उपायों का करें पालन, पढ़ें डिटेल

Calfe Care: बछड़ों को सर्दियों में बीमारी से बचाना है तो इन उपायों का करें पालन, पढ़ें डिटेल

बछड़ों की मृत्युदर कम करने के लिए ही एनीमल साइंटिस्ट ने बछड़ों की देखभाल के लिए कुछ नियम बनाए हैं. अगर सभी तरीके से उन नियमों का पालन किया जाए तो फिर बछड़ों को बड़ी गाय-भैंस बनने से कोई नहीं रोक सकता है. इतना ही नहीं इन नियमों का पालन करने से उनकी ग्रोथ भी अच्छी होगी. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 16, 2025,
  • Updated Jan 16, 2025, 2:11 PM IST

पशुपालन में बछड़ों की बहुत अहमियत होती है. क्योंकि दूध के साथ-साथ बछड़ा भी आय का बड़ा साधन है. क्योंकि बड़ा किया तो दूध देगा या फिर मीट के लिए तैयार हो जाएगा. और अगर एक साल की उम्र तक बड़ा करने के बाद भी बेचा तो अच्छे दाम मिलेंगे. पशुपालन और डेयरी के अर्थशास्त्र में बछड़े के जन्म (री प्रोडक्शन) को सबसे बड़े मुनाफे के तौर पर देखा जाता है. इसलिए ये जरूरी है कि हर मौसम में बछड़ों की खास देखभाल की जाए. खासतौर पर सर्दियों के दौरान. 

क्योंकि सर्दी लगने से बछड़ों को निमोनिया होने का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए बछड़ों को सर्दियों में बीमारी से बचाने के लिए पशु शेड में पूरे इंतजाम किए जाएं. शेड में हवा आने-जाने के लिए रोशनदान हों. ठंडे फर्श से बछड़ों को बचाया जाए. ठंड ज्यादा हो तो बछड़ों को मोटे कपड़े लपेटे जा सकते हैं. वहीं संक्रमण फैलाने वाले कीट-पंतगों से बचाना भी जरूरी हो जाता है. 

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बीमारियों से बचाने को ठंड में ऐसे करें देखभाल 

जन्म से लेकर 6-8 महीने बछड़ों को बहुत देखभाल की जरूरत होती है. एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि हर बदलते मौसम में बछड़ों को खास देखभाल चाहिए होती है. सर्दी के मौसम में ये देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है. अगर बदलते मौसम में पशु को किसी भी तरह का तनाव होता है तो मान लिजिए कि उसकी ग्रोथ पर इसका सीधा असर पड़ेगा.
ठंडे फर्श से बचाने के लिए बछड़ों को बिस्तर पर ही बैठाना चाहिए. 

  • भूसे के बिस्तर से बछड़े को सर्दी में भी गर्मी मिलती है. 
  • बछड़ों के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शेड में अतिरिक्त ऊर्जा का इंतजाम करें.  
  • बछड़ों की शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए दूध भी दिया जा सकता है. 
  • पाचन संबंधी परेशानियों को रोकने के लिए हर रोज दिन में तीन  बार दूध पिलाएं. 
  • दिन में कम से कम एक बार गर्म पानी पिलाने से ठंड का तनाव दूर होता है. 
  • बछड़ों में तनाव, ठंडे हाथ-पैर के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें वेंटिलेशन वाले बंद कमरे में रखें. 
  • बछड़ों के शरीर को पूरी तरह से ढकने के लिए कंबल, बोरी या मोटा कपड़ा लपेट दें. 
  • शेड में नमी और कार्बन-डाइऑक्साइड रोकने के लिए वेंटिलेशन जरूर रखें. 
  • जनवरी में क्रिप्टोस्पोरिडियम एसपीपी संक्रमण के साथ-साथ खुजली ज्यादा होती है.
  • संक्रमण होने पर 0.2 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम या 1 मिली प्रति 50 किलोग्राम के हिसाब से आइवरमेक्टिन दें. 
  • बछड़े के शेड में साइपरमेथ्रिन या अमित्राज जैसे एसारिसाइड्स का छिड़काव करें.  

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